आज दीवाली की जगमगाहट देख रहे हमारे नयन
वहाँ दूर हमारे जवान , सीमा की सुरक्षा कर, बना रहे हमारे जीवन को चमन ,
यहाँ पटाखों की गड़गड़ाहट में हम हो रहे है मगन,
वहाँ गोलियों की सुरसुराहट में जल रहा उनका बदन ,
यहाँ पूरे परिवार के साथ खुशी मे डूबा हमारा मन ,
बिना समझे उन देश भक्तों के दिल की धड़कन ,
कि त्यौहार पर हो उनके भी साथ परिवार का हर एक जन ,
कामना करते है अगली दीवाली तक सीमा पर ना पडे ज़रूरत ,छा जाएँ ऐसा अमन
तब तक देशवासीयों आईये नतमस्तक हो जाएँ देख उनकी हमारे प्रति लगन ,
और बता दे, उनसे दूर सही उनके परिवार के साथ दीवाली मना रहा है ये सारा वतन !
और आईये मिलकर लेते है हम सब एक ऐसा प्रण ,
कि हर होली दीवाली, शहीद हुए वीरों के परिवार तक कुछ न कुछ पहुँचाने का करेंगे हम जतन !
“वन्दे मा्तरम “